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जनजातीय समुदायों की पर्यावरणीय नैतिकता आज के सभ्य समाज के लिए अनुकरणीय, जनजातीय समुदायों का पीढ़ियों का अनुभव स्थाई, समावेशी, प्रकृति सम्मत विकास सुनिश्चित कर सकता है: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज रामनगर में आयोजित वार्षिक आदिवासी महोत्सव के अवसर पर कहा कि ' प्राकृतिक आपदाओं, प्रदूषित पर्यावरण से त्रस्त विश्व, जब प्रकृति सम्मत स्थाई विकास के रास्ते खोज रहा है, हमारे जनजातीय समुदायों के पास, पीढ़ियों के अनुभव से प्राप्त वह ज्ञान और विद्या है जो भविष्य के लिए स्थाई, समावेशी और प्रकृति सम्मत विकास सुनिश्चित कर सकता है। Via Press Information Bureau http://www.pib.nic.in

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