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प्रधानमंत्री का 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम सन्देश

   प्रधानमंत्री का 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम सन्देश     

PM Photoमेरे प्यारे देशवासियों, 

दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के साथ हुई होंगी। आज आप सभी से कुछ विशेष निवेदन करना चाहता हूँ। 

इस वार्ता में कुछ गंभीर विषय, कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आप से साझा करूंगा। आपको ध्यान होगा की जब आपने 2014 मई में हमें जिम्मेदारी सौंपी थी, तब विश्व की अर्थव्यवस्था में BRICS के सन्दर्भ में यह आम चर्चा थी की BRICS में जो “आई” अक्षर, जो India से जुड़ा हुआ है, लोग कहते थे BRICS में जो “आई” है, वह लुढ़क रहा है। लगातार 2 साल के देशव्यापी अकाल के बावजूद भी, पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक “ब्राइट स्पॉट” अर्थात चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है की यह दावा हम कर रहे हैं, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) और वर्ल्ड बैंक से गूंज रही है। 

बहनों भाइयों, 

विकास की इस दौड़ में हमारा मूल मंत्र रहा है “सबका साथ, सबका विकास”। यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई का मुख्य शस्त्र रहा है – गरीबों का देश की अर्थव्यवस्था एवं सम्पन्नता में सक्रिय 

भागीदारी यानी गरीबों का सशक्तिकरण, गरीबों का एम्पावरमेंट। इस प्रयास की झलक आप लोगों को 

प्रधान मंत्री जन धन योजना, 

जन धन से जन सुरक्षा योजना, 

आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण योजना, 

दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया, 

गरीबों के घर गैस का चूल्हा पहूँचाने के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना, 

किसानों की आमदनी सुरक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, 

उनको अपने खेतों से सही उपज पाने के लिए Soil हेल्थ कार्ड योजना और 

सही उपज का सही दाम पाने के लिए e-NAM अर्थात राष्ट्रीय कृषि बाज़ार योजना – इन सब में ये साफ़ नजर आता है ये सरकार गाँव, गरीब और किसान को समर्पित है। 

मेरे प्यारे देशवासियों 

पिछले दशकों में हम यह अनुभव कर रहे है की देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपनी जड़े जमा लीं हैं और देश से गरीबी हटाने में ये भ्रष्टाचार, ये कला धन, ये गोरख धंधे सबसे बड़ी बाधा है। 

एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे हैं। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवें नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम छेहत्तरवें नंबर पर पहुँच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और काले धन का जाल कितने व्यापक रूप से देश में बिछा है। 

भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण फैला रखा है। गरीबों के हक को नज़रंदाज़ कर ये खुद फलते-फूलते रहे हैं। कुछ लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए इसका भरपूर फायदा उठाया। दूसरी तरफ, इमानदार लोगों ने इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी है। देश के करोड़ों नागरिकों ने ईमानदारी को जी कर के दिखाया है। 

हम प्रायः यह सुनते हैं की गरीब ऑटो ड्राईवर अपनी गाडी में छूट गई सोने के आभूषण वाले बैग को उसके असली मालिक को कैसे ढूँढ कर लौटाता है, कई बार हम सुनते हैं कोई टैक्सी ड्राईवर यात्रियों का कोई सामान अगर छूट जाता है, मोबाइल फ़ोन रह जाता है तो अपने खर्चे से उनको ढूढने जाता है, और पहुंचा देता है, अरे सब्जी बेचने वाला भी, सामान्य दूकान वाला भी अगर ग्राहक से गलती से ज्यादा पैसे ले लिए तो तो उसको बुलाकर लौटा देता है। 

प्यारे देशवासियों, 

इस बात का ये सबूत है कि हिंदुस्तान का सामान्य से सामान्य नागरिक ईमानदार है, लेकिन प्यारे देशवासियों, हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई। इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हैं। देश को, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को के मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोंचा है की इन आतंकियों को पैसा कहाँ कहाँ से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500 और हज़ार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकडे भी गए हैं और ये नोटें जब्त भी की गई हैं। 

बहनों भाइयों, 

एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है। हमने कार्य सँभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते हुए अनेक प्रभावी कदम उठायें, जैसे: 

• काले धन की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में SIT का गठन किया।

• विदेशों में जमा काले धन के लिए 2015 में मज़बूत कानून बनाने का हमने काम किया 

• काले धन को विदेश से लाने के लिए विभिन्न देशों के साथ टैक्स समझौतों में हमने परिवर्तन किया, नए समझौते किये 

• अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ सूचना के आदान प्रदान, information exchange का प्रावधान किया

• भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को रोकने के लिए अगस्त 2016 में एक और मज़बूत कानून

• इस कानून से एक बहुत बड़े चोर दरवाजे को बंद कर दिया गया।

• देश में अघोषित आय को पेनाल्टी के साथ घोषित करने की योजना में काफी बड़ी मात्रा में अघोषित आय उजागर हुई। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

इन सारे प्रयासों से, पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचारियों से करीब करीब सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आया है। ऐसे करोड़ों भारतवासी जिनके रग रग में ईमानदारी दौड़ती है उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, काले धन, बेनामी संपत्ति, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए। कौन ईमानदार नागिरक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर पीड़ा न होती हो? 

आज देश की मुद्राव्यवस्था का हाल यह है की देश में कुल सिक्कों और नोटों की मूल्य में 500 और 1,000 रुपये वाले नोटों का हिस्सा लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक पहुँच गया है। 

देश में कैश का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित कैश का कारोबार महँगाई पर बड़ा असर पैदा करता है। इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इस का सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक़्त आप से कुछ धन चेक में लेंगे और ज्यादातर धनराशी कैश में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक माध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास कला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। कैश के इस धंधे के कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है, artificial increase होता है। 

भ्रष्टाचार से जमा किया गया धन हो या काला धन हो, ये दोनों बेनामी हवाला कारोबार को बल देते हैं। और हम जानते हैं कि हवाला का उपयोग आतंकियों ने हथियार की खरीद फरोख्त में भी किया है। चुनावों में काले धन के प्रभाव की चर्चा तो वर्षों से हो रही है। 

बहनों भाइयों, 

देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना ज़रूरी हो गया है। 

आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएँ कानूनन अमान्य होंगी। 

500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी। 

भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1,000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज़ के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति, मेहनत और इमानदारी से कमा रहें हैं, उनके हितों की और उनके हक़ की पूरी रक्षा की जायेगी। ध्यान रहे की 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रूपया का नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेन देन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उस पर कोई रोक नहीं है। 

हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको इससे ताकत मिलने वाली है। इन दिनों में देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ व्यवस्था की है: 

1. 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016 तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं।

2. आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। अतः नोट जमा करने के लिए आपको अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है।

3. आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

4. 500 रुपये या 1,000 रुपये के पुराने नोटों को खाते में डाल कर आप अपनी जरूरत के अनुसार फिर से निकाल सकते हैं।

5. केवल शुरू के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रति दिन दस हज़ार रुपये और प्रति सप्ताह बीस हज़ार रुपये की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सीमा में आने वाले दिनों में वृद्धि कर दी जायेगी।

6. खाते में जमा करने की सुविधा के साथ साथ एक दूसरी सुविधा भी दी जा रही है।

7. तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नए एवं मान्य नोट के साथ 10 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक आप किसी भी बैंक या प्रमुख और उप डाकघर (हेड पोस्ट ऑफिस और सब-पोस्ट पोस्ट ऑफिस) के काउंटर से अपना पहचान पत्र जैसे की आधार कार्ड, मतदाता यानी वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके आप नोट बदल सकते हैं।

8. प्रारम्भ में 10 नवम्बर से 24 नवम्बर तक चार हज़ार रुपये तक के पुराने 500 एवं 1,000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं। 15 दिनों के बाद यानी 25 नवम्बर से चार हज़ार रुपये की सीमा में वृद्धि कर दी जाएगी। 

9. ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अन्दर अर्थात 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवस जमा नहीं कर पाए, उनको 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा।

10. ऐसे लोग रिज़र्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र यानी declaration फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं।

11. 9 नवम्बर और कुछ स्थानों में 10 नवम्बर को भी ATM काम नहीं करेंगे। प्रारम्भ में ATM से प्रति कार्ड प्रति दिन निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा दो हज़ार रुपये रहेगी।

12. फिर उसे कुछ अवधि के बाद बढ़ा कर चार हज़ार रुपये कर दिया जाएगा।

13. वैसे तो 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट आज रात्रि 12 बजे से कानूनी तौर पर ख़त्म हो जायेंगे, परन्तु सामान्य जन-जीवन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने इस प्रक्रिया में शुरू के 72 घंटों में यानी 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की है।

14. 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक सभी सरकारी अस्पतालों में भुगतान के लिए पुराने 500 या 1,000 रुपये के नोट स्वीकार किये जायेंगे।

15. इस से वैसे परिवार जिनमे कोई बीमार है उन्हें उपचार में कोई बाधा न आये।

16. ऐसे सरकारी अस्पतालों में यदि दवा के दुकान की व्यवस्था है तो डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर 500 और हज़ार के पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा भी 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी।

17. ऐसे ही 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक, रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट बुकिंग काउंटर और हवाई अड्डों पर एयरलाइन्स के टिकट बुकिंग काउंटर पर केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट अर्थात 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। ऐसा हमने उन परिवारों की जरूरतों को देखते हुए किया है जो इस समय यात्रा कर रहे होंगे। 

18. केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित कोआपरेटिव की दिनचर्या की वस्तुओं की दूकान (जैसे केंद्रीय भंडार, सफल) और दुग्ध विक्रय केन्द्रों (मिल्क पार्लर) में भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान इन संस्थानों को प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

19. सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के पेट्रोल और CNG गैस स्टेशन (रिटेल आउटलेट्स) पर पेट्रोल, डीजल और CNG गैस की बिक्री के लिए भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

20. शवदाह गृह/ क्रेमाटोरियम जैसी जगहों पर भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी।

21. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश को जा रहे लोगों को अगर उनके पास पुराने 500 और 1,000 के नोट हैं तो ऐसे नोटों की 5,000 रुपये तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

22. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी मुद्रा या 5,000 रुपये तक के पुराने नोटों को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

23. इन सारी सुविधाओं के अलावा मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा की इस पूरी प्रक्रिया में नॉन-कैश लेन देन में यानी चेक से पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर में कोई रुकावट नहीं आएगी। ये कारोबार जैसा पहले चलता था वैसा ही चलता रहेगा। 

इन सारे इंतज़ाम के बावजूद हमारे ईमानदार देशवासियों को अगर तकलीफ का सामना करना पड़ा तो अनुभव यह बताता है कि इस देश का सामान्य नागरिक देश की भलाई के लिए त्याग करने और कठिनाई सहने के लिए कभी भी पीछे नहीं रहता है। जब मैं सुनता हूँ की कोई गरीब विधवा LPG सब्सिडी छोड़ने में आगे आती है, यह त्याग एक रिटायर्ड स्कूल टीचर में भी पाया जाता है जब वो पेंशन से स्वच्छ भारत कोष में योगदान देने कोप आगे आता है, जब हम ये सुनते हैं कि गरीब आदिवासी माँ का बकरी बेचकर शौचालय बनाने के लिए पैसे लगा देती है, एक फौजी का अपने गाँव को स्वच्छ गाँव बनाने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये का दान देने के लिए आगे आता है। मैंने तो यह देखा है की देश के सामान्य नागरिक की एक ही तमन्ना है कि वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है – बस देश का कल्याण हो। 

अतः भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम लोग थोड़ी सी कठिनाई वह भी कुछ दिनों के लिए तो झेल ही सकते हैं। मेरा पूरा विश्वास है की देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ शुचिता के इस महायज्ञ में मिल कर खड़ा होगा। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

दिवाली के पर्व के बाद, अब ईमानदारी के इस उत्सव में, प्रमाणिकता के इस पर्व में आप बढ़ चढ़ कर हाथ बटायें। मेरा पूरा विश्वास है कि देश के सभी राजनीतिक दल, राजनैतिक कार्यकर्ता, सामजिक और शैक्षणिक संस्थाएं, मीडिया सहित समाज के सभी वर्ग से इस महान कार्य में सरकार से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे, सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और इस कार्य को सफल बना कर ही रहेंगे। 

म्रेरे प्यारे देशवासियों, 

ये बातें जब मैं आपके समक्ष रख रहा हूँ, इसी समय सरकार के अलग-अलग विभागों को भी जानकारी हो रही है, बैंक हो, पोस्ट ऑफिस हो, रेलवे हो, अस्पताल हो, उनके अधिकारीयों को भी इस विषय की इससे पहले कोई जानकारी नहीं मिली है। क्योंकि इस काम में गोपनीयता बहुत ही आवश्यक थी। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक, सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस को कम समय में बहुत सारी व्यवस्था करनी है। इस व्यवस्था में कुछ समय तो जाएगा। इसलिए रिज़र्व बैंक ने यह फैसला लिया है की 9 नवम्बर को सभी बैंक पब्लिक कार्य के लिए बंद रहेंगे। नागरिकों को असुविधा होगी। मेरा पूरा भरोसा है की बैंक और पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले सभी साथी देश हित में इस पवित्र कार्य को सफलतापूर्वक परिपूर्ण करेंगे। भूतकाल में उन्होंने ये करके दिखाया है। मेरा जनता-जनार्दन से इतना ही आग्रह है कि सभी नागरिक धैर्य रखते हुए सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस अधिकारीयों के साथ सहयोग करें, यही मेरी उनसे आग्रह और बिनती है। 

बहनों और भाइयों, 

समय समय पर मुद्रव्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है। 2014 में रिज़र्व बैंक ने 5,000 और 10,000 रुपये के करेंसी नोट का प्रस्ताव सरकार को भेजा था जिसे हमारी सरकार ने विचार-विमर्श के बाद अस्वीकार कर दिया था। अब इस पूरी प्रक्रिया में रिज़र्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नए नोट के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। पूरी तरह से नए तौर पर डिजाईन किये गए 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए करेंसी नोट अब सर्कुलेशन में लाया जाएगा। रिज़र्व बैंक अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, करेंसी सर्कुलेशन में अधिक मूल्य के नोटों का हिस्सा अब एक सीमा के अन्दर ही रहे इसके लिए रिज़र्व बैंक आवश्यक प्रबंध करेगा। 

अंत में मेरे प्यारे देशवाशियों 

मैं यह दोहराना चाहता हूँ की किसी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब हर व्यक्ति यह महसूस करता है की उसे भी उस क्षण का हिस्सा बनना है। उसे भी राष्ट्र हित में, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। परन्तु ऐसे क्षण हर किसी की जिंदगी में गिने चुने ही आते हैं। आज समय हमें फिर से एक अवसर दे रहा है। हर सामान्य नागरिक भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट के खिलाफ इस महायज्ञ में , इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकता है। 

बहनों और भाइयों आपसे इस प्रक्रिया में जितना सहयोग मिलेगा, शुद्धिकरण उतना ही सफल होगा। देश के लिए यह चिंता का कारण था कि भ्रष्टाचार और काले धन को जीवन का एक सहज हिस्सा मान लिया गया था। यह सोच आज हमारे राजनैतिक, सामाजिक, और प्रशासनिक जीवन को दीमक की तरह खाए जा रहा है। शासन व्यवस्था का कोई भी अंग इस दीमक से अछूता नहीं है। 

समय समय पर हमने देखा है की भारत के सामान्य जन मानस को अगर भ्रष्टाचार और कुछ दिनों की असुविधा में से एक को चुनना हो, तो वह बेहिचक, मैं कहता हूँ बेहिचक मेरे देश का ईमानदार नागरिक असुविधा को तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार को कदापि नहीं चुनेगा। 

आपसे मैं फिर एक बार आह्वान करता हूँ की आइये जैसे आपने दिवाली के पर्व में अपने घर और आस पड़ोस की सफाई की, वैसे ही सफाई के काम को आगे बढाते हुए, हम इस महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति डाल कर इसे सफल बनाइये। इतने बड़े देश में, इतनी बड़ी सफाई के महापर्व में असुविधा को ध्यान में न रखते हुए आइये सभी शुचिता की दिवाली मनाएं, पुरे विश्व को भारत की इस ईमानदारी का उत्सव दिखाएँ, पूरे देश में प्रमाणिकता का पर्व मनाएं जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, काले धन पर नकेल कस सके, जाली नोटों का खेल खेलने वालों को नेस्तनाबूद कर सके, जिस से की देश का धन गरीबों के काम आ सके, हर ईमानदार नागरिक को देश की सम्पन्नता में उसकी उचित हिस्सेदारी मिल सके, आने वाली पीढ़ी गर्व से अपना जीवन जी सके। मैं आप सब के सहयोग के लिए पूरे विशवास के साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों कि मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूँ। मुझे विश्वास है आपका साथ, आपका सहयोग आने वाली पीढीयों के लिए प्रेरक बनेगा। मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। भारत माता की जय। 

प्रधानमंत्री का 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम सन्देश

   प्रधानमंत्री का 8 नवम्बर को राष्ट्र के नाम सन्देश     

PM Photoमेरे प्यारे देशवासियों, 

दिवाली के पावन पर्व की समाप्ति नई आशाएं और नई खुशियों के साथ हुई होंगी। आज आप सभी से कुछ विशेष निवेदन करना चाहता हूँ। 

इस वार्ता में कुछ गंभीर विषय, कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आप से साझा करूंगा। आपको ध्यान होगा की जब आपने 2014 मई में हमें जिम्मेदारी सौंपी थी, तब विश्व की अर्थव्यवस्था में BRICS के सन्दर्भ में यह आम चर्चा थी की BRICS में जो “आई” अक्षर, जो India से जुड़ा हुआ है, लोग कहते थे BRICS में जो “आई” है, वह लुढ़क रहा है। लगातार 2 साल के देशव्यापी अकाल के बावजूद भी, पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत ने ग्लोबल इकॉनमी में एक “ब्राइट स्पॉट” अर्थात चमकता सितारा के रूप में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई है। ऐसा नहीं है की यह दावा हम कर रहे हैं, बल्कि यह आवाज इंटरनेशनल मोनेटरी फण्ड (IMF) और वर्ल्ड बैंक से गूंज रही है। 

बहनों भाइयों, 

विकास की इस दौड़ में हमारा मूल मंत्र रहा है “सबका साथ, सबका विकास”। यह सरकार गरीबों को समर्पित है और समर्पित रहेगी। गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई का मुख्य शस्त्र रहा है – गरीबों का देश की अर्थव्यवस्था एवं सम्पन्नता में सक्रिय 

भागीदारी यानी गरीबों का सशक्तिकरण, गरीबों का एम्पावरमेंट। इस प्रयास की झलक आप लोगों को 

प्रधान मंत्री जन धन योजना, 

जन धन से जन सुरक्षा योजना, 

आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण योजना, 

दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों के लिए स्टैंड अप इंडिया, 

गरीबों के घर गैस का चूल्हा पहूँचाने के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना, 

किसानों की आमदनी सुरक्षित करने के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, 

उनको अपने खेतों से सही उपज पाने के लिए Soil हेल्थ कार्ड योजना और 

सही उपज का सही दाम पाने के लिए e-NAM अर्थात राष्ट्रीय कृषि बाज़ार योजना – इन सब में ये साफ़ नजर आता है ये सरकार गाँव, गरीब और किसान को समर्पित है। 

मेरे प्यारे देशवासियों 

पिछले दशकों में हम यह अनुभव कर रहे है की देश में भ्रष्टाचार और कला धन जैसी बीमारियों ने अपनी जड़े जमा लीं हैं और देश से गरीबी हटाने में ये भ्रष्टाचार, ये कला धन, ये गोरख धंधे सबसे बड़ी बाधा है। 

एक तरफ तो विश्व में हम आर्थिक गति में तेजी से बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे हैं। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंकिंग में दो साल पहले भारत करीब-करीब सौवें नंबर पर था। ढेर सारे कदम उठाने के बावजूद हम छेहत्तरवें नंबर पर पहुँच पाए हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और काले धन का जाल कितने व्यापक रूप से देश में बिछा है। 

भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण फैला रखा है। गरीबों के हक को नज़रंदाज़ कर ये खुद फलते-फूलते रहे हैं। कुछ लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए इसका भरपूर फायदा उठाया। दूसरी तरफ, इमानदार लोगों ने इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी है। देश के करोड़ों नागरिकों ने ईमानदारी को जी कर के दिखाया है। 

हम प्रायः यह सुनते हैं की गरीब ऑटो ड्राईवर अपनी गाडी में छूट गई सोने के आभूषण वाले बैग को उसके असली मालिक को कैसे ढूँढ कर लौटाता है, कई बार हम सुनते हैं कोई टैक्सी ड्राईवर यात्रियों का कोई सामान अगर छूट जाता है, मोबाइल फ़ोन रह जाता है तो अपने खर्चे से उनको ढूढने जाता है, और पहुंचा देता है, अरे सब्जी बेचने वाला भी, सामान्य दूकान वाला भी अगर ग्राहक से गलती से ज्यादा पैसे ले लिए तो तो उसको बुलाकर लौटा देता है। 

प्यारे देशवासियों, 

इस बात का ये सबूत है कि हिंदुस्तान का सामान्य से सामान्य नागरिक ईमानदार है, लेकिन प्यारे देशवासियों, हर देश के विकास के इतिहास में ऐसे क्षण आये हैं जब एक शक्तिशाली और निर्णायक कदम की आवश्यकता महसूस की गई। इस देश ने यह वर्षों से महसूस किया है कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद - ऐसे नासूर हैं जो देश को विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हैं। देश को, समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

आतंकवाद की भयानकता को कौन नहीं जानता है? कितने निर्दोष लोगों को के मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन क्या आपने सोंचा है की इन आतंकियों को पैसा कहाँ कहाँ से मुहैया होता है? सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये, नकली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है। अनेक बार 500 और हज़ार रुपये के जाली नोट का कारोबार करने वाले पकडे भी गए हैं और ये नोटें जब्त भी की गई हैं। 

बहनों भाइयों, 

एक तरफ आतंकवाद और जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काले धन की चुनौती देश के सामने बनी हुई है। हमने कार्य सँभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते हुए अनेक प्रभावी कदम उठायें, जैसे: 

• काले धन की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में SIT का गठन किया।

• विदेशों में जमा काले धन के लिए 2015 में मज़बूत कानून बनाने का हमने काम किया 

• काले धन को विदेश से लाने के लिए विभिन्न देशों के साथ टैक्स समझौतों में हमने परिवर्तन किया, नए समझौते किये 

• अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ सूचना के आदान प्रदान, information exchange का प्रावधान किया

• भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को रोकने के लिए अगस्त 2016 में एक और मज़बूत कानून

• इस कानून से एक बहुत बड़े चोर दरवाजे को बंद कर दिया गया।

• देश में अघोषित आय को पेनाल्टी के साथ घोषित करने की योजना में काफी बड़ी मात्रा में अघोषित आय उजागर हुई। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

इन सारे प्रयासों से, पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचारियों से करीब करीब सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आया है। ऐसे करोड़ों भारतवासी जिनके रग रग में ईमानदारी दौड़ती है उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, काले धन, बेनामी संपत्ति, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए। कौन ईमानदार नागिरक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर पीड़ा न होती हो? 

आज देश की मुद्राव्यवस्था का हाल यह है की देश में कुल सिक्कों और नोटों की मूल्य में 500 और 1,000 रुपये वाले नोटों का हिस्सा लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक पहुँच गया है। 

देश में कैश का अत्यधिक सर्कुलेशन का एक सीधा सम्बन्ध भ्रष्टाचार से है। भ्रष्टाचार से अर्जित कैश का कारोबार महँगाई पर बड़ा असर पैदा करता है। इसकी मार गरीबों को झेलनी पड़ती है। इस का सीधा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग की खरीदने की शक्ति पर पड़ता है। आपका स्वयं का अनुभव होगा, जब मकान या जमीन खरीदते वक़्त आप से कुछ धन चेक में लेंगे और ज्यादातर धनराशी कैश में मांगी जाती होगी। ईमानदार व्यक्ति के लिए कुछ भी खरीदना, एक माध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए घर खरीदना हो, उसके पास कला धन नहीं है तो मुसीबत हो जाती है। कैश के इस धंधे के कारण मकान, जमीन, उच्च शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनेक सेवाओं और वस्तुओं के मूल्य में बहुत ज्यादा कृत्रिम वृद्धि होती है, artificial increase होता है। 

भ्रष्टाचार से जमा किया गया धन हो या काला धन हो, ये दोनों बेनामी हवाला कारोबार को बल देते हैं। और हम जानते हैं कि हवाला का उपयोग आतंकियों ने हथियार की खरीद फरोख्त में भी किया है। चुनावों में काले धन के प्रभाव की चर्चा तो वर्षों से हो रही है। 

बहनों भाइयों, 

देश को भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दीमक से मुक्त कराने के लिए एक और सख्त कदम उठाना ज़रूरी हो गया है। 

आज मध्य रात्रि यानि 8 नवम्बर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएँ कानूनन अमान्य होंगी। 

500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के जरिये लेन देन की व्यवस्था आज मध्य रात्रि से उपलब्ध नहीं होगी। 

भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोट के कारोबार में लिप्त देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद 500 एवं 1,000 रुपये के पुराने नोट अब केवल कागज़ के एक टुकड़े के समान रह जायेंगे। ऐसे नागरिक जो संपत्ति, मेहनत और इमानदारी से कमा रहें हैं, उनके हितों की और उनके हक़ की पूरी रक्षा की जायेगी। ध्यान रहे की 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रूपया का नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेन देन के लिए उपयोग हो सकते हैं। उस पर कोई रोक नहीं है। 

हमारा यह कदम देश में भ्रष्टाचार, काला धन एवं जाली नोट के खिलाफ हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, सामान्य नागरिक जो लड़ाई लड़ रहा है, उसको इससे ताकत मिलने वाली है। इन दिनों में देशवाशियों को कम से कम तकलीफ का सामना करना पड़े, इसके लिए हमने कुछ व्यवस्था की है: 

1. 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016 तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं।

2. आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है। अतः नोट जमा करने के लिए आपको अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है।

3. आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

4. 500 रुपये या 1,000 रुपये के पुराने नोटों को खाते में डाल कर आप अपनी जरूरत के अनुसार फिर से निकाल सकते हैं।

5. केवल शुरू के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रति दिन दस हज़ार रुपये और प्रति सप्ताह बीस हज़ार रुपये की सीमा तय की गई है। ऐसा नए नोटों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सीमा में आने वाले दिनों में वृद्धि कर दी जायेगी।

6. खाते में जमा करने की सुविधा के साथ साथ एक दूसरी सुविधा भी दी जा रही है।

7. तत्काल आवश्यकता के लिए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नए एवं मान्य नोट के साथ 10 नवम्बर से 30 दिसम्बर तक आप किसी भी बैंक या प्रमुख और उप डाकघर (हेड पोस्ट ऑफिस और सब-पोस्ट पोस्ट ऑफिस) के काउंटर से अपना पहचान पत्र जैसे की आधार कार्ड, मतदाता यानी वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड इत्यादि सबूत के रूप में पेश करके आप नोट बदल सकते हैं।

8. प्रारम्भ में 10 नवम्बर से 24 नवम्बर तक चार हज़ार रुपये तक के पुराने 500 एवं 1,000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं। 15 दिनों के बाद यानी 25 नवम्बर से चार हज़ार रुपये की सीमा में वृद्धि कर दी जाएगी। 

9. ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अन्दर अर्थात 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट किसी कारणवस जमा नहीं कर पाए, उनको 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बदलने का एक आखिरी अवसर दिया जाएगा।

10. ऐसे लोग रिज़र्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में अपनी राशि एक घोषणा पत्र यानी declaration फॉर्म के साथ 31 मार्च 2017 तक जमा करवा सकते हैं।

11. 9 नवम्बर और कुछ स्थानों में 10 नवम्बर को भी ATM काम नहीं करेंगे। प्रारम्भ में ATM से प्रति कार्ड प्रति दिन निकाली जा सकने वाली राशि की सीमा दो हज़ार रुपये रहेगी।

12. फिर उसे कुछ अवधि के बाद बढ़ा कर चार हज़ार रुपये कर दिया जाएगा।

13. वैसे तो 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट आज रात्रि 12 बजे से कानूनी तौर पर ख़त्म हो जायेंगे, परन्तु सामान्य जन-जीवन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने इस प्रक्रिया में शुरू के 72 घंटों में यानी 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक नागरिकों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की है।

14. 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक सभी सरकारी अस्पतालों में भुगतान के लिए पुराने 500 या 1,000 रुपये के नोट स्वीकार किये जायेंगे।

15. इस से वैसे परिवार जिनमे कोई बीमार है उन्हें उपचार में कोई बाधा न आये।

16. ऐसे सरकारी अस्पतालों में यदि दवा के दुकान की व्यवस्था है तो डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर 500 और हज़ार के पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा भी 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी।

17. ऐसे ही 11 नवम्बर की रात्रि 12 बजे तक, रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों के टिकट बुकिंग काउंटर और हवाई अड्डों पर एयरलाइन्स के टिकट बुकिंग काउंटर पर केवल टिकट खरीदने के लिए पुराने नोट अर्थात 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। ऐसा हमने उन परिवारों की जरूरतों को देखते हुए किया है जो इस समय यात्रा कर रहे होंगे। 

18. केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित कोआपरेटिव की दिनचर्या की वस्तुओं की दूकान (जैसे केंद्रीय भंडार, सफल) और दुग्ध विक्रय केन्द्रों (मिल्क पार्लर) में भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान इन संस्थानों को प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

19. सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के पेट्रोल और CNG गैस स्टेशन (रिटेल आउटलेट्स) पर पेट्रोल, डीजल और CNG गैस की बिक्री के लिए भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी। इस दौरान प्रतिदिन अपने स्टॉक और बिक्री की सुचना रजिस्टर में रखनी होगी।

20. शवदाह गृह/ क्रेमाटोरियम जैसी जगहों पर भी 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की छूट होगी।

21. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश को जा रहे लोगों को अगर उनके पास पुराने 500 और 1,000 के नोट हैं तो ऐसे नोटों की 5,000 रुपये तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

22. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी मुद्रा या 5,000 रुपये तक के पुराने नोटों को नई एवं मान्य करेंसी नोटों से बदलने की सुविधा दी जायेगी।

23. इन सारी सुविधाओं के अलावा मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा की इस पूरी प्रक्रिया में नॉन-कैश लेन देन में यानी चेक से पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर में कोई रुकावट नहीं आएगी। ये कारोबार जैसा पहले चलता था वैसा ही चलता रहेगा। 

इन सारे इंतज़ाम के बावजूद हमारे ईमानदार देशवासियों को अगर तकलीफ का सामना करना पड़ा तो अनुभव यह बताता है कि इस देश का सामान्य नागरिक देश की भलाई के लिए त्याग करने और कठिनाई सहने के लिए कभी भी पीछे नहीं रहता है। जब मैं सुनता हूँ की कोई गरीब विधवा LPG सब्सिडी छोड़ने में आगे आती है, यह त्याग एक रिटायर्ड स्कूल टीचर में भी पाया जाता है जब वो पेंशन से स्वच्छ भारत कोष में योगदान देने कोप आगे आता है, जब हम ये सुनते हैं कि गरीब आदिवासी माँ का बकरी बेचकर शौचालय बनाने के लिए पैसे लगा देती है, एक फौजी का अपने गाँव को स्वच्छ गाँव बनाने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये का दान देने के लिए आगे आता है। मैंने तो यह देखा है की देश के सामान्य नागरिक की एक ही तमन्ना है कि वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है – बस देश का कल्याण हो। 

अतः भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट और आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम लोग थोड़ी सी कठिनाई वह भी कुछ दिनों के लिए तो झेल ही सकते हैं। मेरा पूरा विश्वास है की देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ शुचिता के इस महायज्ञ में मिल कर खड़ा होगा। 

मेरे प्यारे देशवासियों, 

दिवाली के पर्व के बाद, अब ईमानदारी के इस उत्सव में, प्रमाणिकता के इस पर्व में आप बढ़ चढ़ कर हाथ बटायें। मेरा पूरा विश्वास है कि देश के सभी राजनीतिक दल, राजनैतिक कार्यकर्ता, सामजिक और शैक्षणिक संस्थाएं, मीडिया सहित समाज के सभी वर्ग से इस महान कार्य में सरकार से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे, सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और इस कार्य को सफल बना कर ही रहेंगे। 

म्रेरे प्यारे देशवासियों, 

ये बातें जब मैं आपके समक्ष रख रहा हूँ, इसी समय सरकार के अलग-अलग विभागों को भी जानकारी हो रही है, बैंक हो, पोस्ट ऑफिस हो, रेलवे हो, अस्पताल हो, उनके अधिकारीयों को भी इस विषय की इससे पहले कोई जानकारी नहीं मिली है। क्योंकि इस काम में गोपनीयता बहुत ही आवश्यक थी। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक, सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस को कम समय में बहुत सारी व्यवस्था करनी है। इस व्यवस्था में कुछ समय तो जाएगा। इसलिए रिज़र्व बैंक ने यह फैसला लिया है की 9 नवम्बर को सभी बैंक पब्लिक कार्य के लिए बंद रहेंगे। नागरिकों को असुविधा होगी। मेरा पूरा भरोसा है की बैंक और पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले सभी साथी देश हित में इस पवित्र कार्य को सफलतापूर्वक परिपूर्ण करेंगे। भूतकाल में उन्होंने ये करके दिखाया है। मेरा जनता-जनार्दन से इतना ही आग्रह है कि सभी नागरिक धैर्य रखते हुए सभी बैंक्स और पोस्ट ऑफिस अधिकारीयों के साथ सहयोग करें, यही मेरी उनसे आग्रह और बिनती है। 

बहनों और भाइयों, 

समय समय पर मुद्रव्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नए अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है। 2014 में रिज़र्व बैंक ने 5,000 और 10,000 रुपये के करेंसी नोट का प्रस्ताव सरकार को भेजा था जिसे हमारी सरकार ने विचार-विमर्श के बाद अस्वीकार कर दिया था। अब इस पूरी प्रक्रिया में रिज़र्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नए नोट के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है। पूरी तरह से नए तौर पर डिजाईन किये गए 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए करेंसी नोट अब सर्कुलेशन में लाया जाएगा। रिज़र्व बैंक अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, करेंसी सर्कुलेशन में अधिक मूल्य के नोटों का हिस्सा अब एक सीमा के अन्दर ही रहे इसके लिए रिज़र्व बैंक आवश्यक प्रबंध करेगा। 

अंत में मेरे प्यारे देशवाशियों 

मैं यह दोहराना चाहता हूँ की किसी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब हर व्यक्ति यह महसूस करता है की उसे भी उस क्षण का हिस्सा बनना है। उसे भी राष्ट्र हित में, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। परन्तु ऐसे क्षण हर किसी की जिंदगी में गिने चुने ही आते हैं। आज समय हमें फिर से एक अवसर दे रहा है। हर सामान्य नागरिक भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट के खिलाफ इस महायज्ञ में , इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकता है। 

बहनों और भाइयों आपसे इस प्रक्रिया में जितना सहयोग मिलेगा, शुद्धिकरण उतना ही सफल होगा। देश के लिए यह चिंता का कारण था कि भ्रष्टाचार और काले धन को जीवन का एक सहज हिस्सा मान लिया गया था। यह सोच आज हमारे राजनैतिक, सामाजिक, और प्रशासनिक जीवन को दीमक की तरह खाए जा रहा है। शासन व्यवस्था का कोई भी अंग इस दीमक से अछूता नहीं है। 

समय समय पर हमने देखा है की भारत के सामान्य जन मानस को अगर भ्रष्टाचार और कुछ दिनों की असुविधा में से एक को चुनना हो, तो वह बेहिचक, मैं कहता हूँ बेहिचक मेरे देश का ईमानदार नागरिक असुविधा को तो चुनेगा लेकिन भ्रष्टाचार को कदापि नहीं चुनेगा। 

आपसे मैं फिर एक बार आह्वान करता हूँ की आइये जैसे आपने दिवाली के पर्व में अपने घर और आस पड़ोस की सफाई की, वैसे ही सफाई के काम को आगे बढाते हुए, हम इस महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति डाल कर इसे सफल बनाइये। इतने बड़े देश में, इतनी बड़ी सफाई के महापर्व में असुविधा को ध्यान में न रखते हुए आइये सभी शुचिता की दिवाली मनाएं, पुरे विश्व को भारत की इस ईमानदारी का उत्सव दिखाएँ, पूरे देश में प्रमाणिकता का पर्व मनाएं जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, काले धन पर नकेल कस सके, जाली नोटों का खेल खेलने वालों को नेस्तनाबूद कर सके, जिस से की देश का धन गरीबों के काम आ सके, हर ईमानदार नागरिक को देश की सम्पन्नता में उसकी उचित हिस्सेदारी मिल सके, आने वाली पीढ़ी गर्व से अपना जीवन जी सके। मैं आप सब के सहयोग के लिए पूरे विशवास के साथ सवा सौ करोड़ देशवासियों कि मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूँ। मुझे विश्वास है आपका साथ, आपका सहयोग आने वाली पीढीयों के लिए प्रेरक बनेगा। मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। भारत माता की जय। 

Ministry of Finance Notification regarding Exchange of Rs.500/- & Rs.1000/- and instructions

Ministry of Finance Notification regarding Exchange of Rs.500/- & Rs.1000/- and instructions






Frequently Asked Questions (FAQs) on Withdrawal of Legal Tender Character of the Old High Denomination Bank Notes

Frequently Asked Questions (FAQs) on Withdrawal of Legal Tender Character of the Old High Denomination Bank Notes

Frequently Asked Questions (FAQs) on Withdrawal of Legal Tender Character of the Old High Denomination Bank Notes

1. Why is this scheme?

The incidence of fake Indian currency notes in higher denomination has increased. For ordinary persons, the fake notes look similar to genuine notes, even though no security feature has been copied. The fake notes are used for antinational and illegal activities. High denomination notes have been misused by terrorists and for hoarding black money. India remains a cash based economy hence the circulation of Fake Indian Currency Notes continues to be a menace. In order to contain the rising incidence of fake notes and black money, the scheme to withdraw has been introduced.

2. What is this scheme?

The legal tender character of the notes in denominations of ₹ 500 and ₹ 1000 stands withdrawn. In consequence thereof withdrawn old high denomination (OHD) notes cannot be used for transacting business and/or store of value for future usage. The OHD notes can be exchanged for value at any of the 19 offices of the Reserve Bank of India or at any of the bank branches or at any Head Post Office or Sub-Post Office.

3. How much value will I get?

You will get value for the entire volume of notes tendered at the bank branches / RBI offices.

4. Can I get all in cash?

No. You will get upto 4000 per person in cash irrespective of the size of tender and anything over and above that will be receivable by way of credit to bank account.

5. Why I cannot get the entire amount in cash when I have surrendered everything in cash?

The Scheme of withdrawal of old high denomination(OHD) notes does not provide for it, given its objectives.
6. ₹4000 cash is insufficient for my need. What to do?
You can use balances in bank accounts to pay for other requirements by cheque or through electronic means of payments such as Internet banking, mobile wallets, IMPS, credit/debit cards etc.

7. What if I don’t have any bank account?

You can always open a bank account by approaching a bank branch with necessary documents required for fulfilling the KYC requirements.

8. What if, if I have only JDY account?

A JDY account holder can avail the exchange facility subject to the caps and other laid down limits in accord with norms and procedures.

9. Where can I go to exchange the notes?

The exchange facility is available at all Issue Offices of RBI and branches of commercial banks/RRBS/UCBs/State Co-op banks or at any Head Post Office or Sub-Post Office.

10. Need I go to my bank branch only?

For exchange upto 4000 in cash you may go to any bank branch with valid identity proof.

For exchange over 4000, which will be accorded through credit to Bank account only, you may go to the branch where you have an account or to any other branch of the same bank.

In case you want to go to a branch of any other bank where you are not maintaining an account, you will have to furnish valid identity proof and bank account details required for electronic fund transfer to your account.


11. Can I go to any branch of my bank?

Yes you can go to any branch of your bank.

12. Can I go to any branch of any other bank?

Yes, you can go to any branch of any other bank. In that case you have to furnish valid identity proof for exchange in cash; both valid identity proof and bank account details will be required for electronic fund transfer in case the amount to be exchanged exceeds ₹4000.

13. I have no account but my relative / friend has an account, can I get my notes exchanged into that account?

Yes, you can do that if the account holder relative/friend etc gives you permission in writing. While exchanging, you should provide to the bank, evidence of permission given by the account holder and your valid identity proof.

14. Should I go to bank personally or can I send the notes through my representative?

Personal visit to the branch is preferable. In case it is not possible for you to visit the branch you may send your representative with an express mandate i.e. a written authorisation. The representative should produce authority letter and his / her valid identity proof while tendering the notes.

15. Can I withdraw from ATM?

It may take a while for the banks to recalibrate their ATMs. Once the ATMs are functional, you can withdraw from ATMs upto a maximum of ₹2,000/- per card per day upto 18th November, 2016. The limit will be raised to ₹4000/- per day per card from 19th November 2016 onwards.

16. Can I withdraw cash against cheque?

Yes, you can withdraw cash against withdrawal slip or cheque subject to ceiling of ₹10,000/- in a day within an overall limit of ₹20,000/- in a week (including withdrawals from ATMs) for the first fortnight i.e. upto 24th November 2016.

17. Can I deposit withdrawn notes through ATMs, Cash Deposit Machine or cash Recycler?

Yes, OHD notes can be deposited in Cash Deposits machines / Cash Recyclers.

18. Can I make use of electronic (NEFT/RTGS /IMPS/ Internet Banking / Mobile banking etc.) mode?

You can use NEFT/RTGS/IMPS/Internet Banking/Mobile Banking or any other electronic/ non-cash mode of payment.

19. How much time do I have to exchange the notes?

The scheme closes on 30th December 2016. The OHD banknotes can be exchanged at branches of commercial banks, Regional Rural Banks, Urban Cooperative banks, State Cooperative Banks and RBI till 30th December 2016.

For those who are unable to exchange their Old High Denomination Banknotes on or before December 30, 2016, an opportunity will be given to them to do so at specified offices of the RBI, along with necessary documentation as may be specified by the Reserve Bank of India.

20. I am right now not in India, what should I do?

If you have OHD banknotes in India, you may authorise in writing enabling another person in India to deposit the notes into your bank account. The person so authorised has to come to the bank branch with the OHD banknotes, the authority letter given by you and a valid identity proof (Valid Identity proof is any of the following: Aadhaar Card, Driving License, Voter ID Card, Pass Port, NREGA Card, PAN Card, Identity Card Issued by Government Department, Public Sector Unit to its Staff)

21. I am an NRI and hold NRO account, can the exchange value be deposited in my account?

Yes, you can deposit the OHD banknotes to your NRO account.

22. I am a foreign tourist, I have these notes. What should I do?

You can purchase foreign exchange equivalent to ₹5000 using these OHD notes at airport exchange counters within 72 hours after the notification, provided you present proof of purchasing the OHD notes.

23. I have emergency needs of cash (hospitalisation, travel, life saving medicines) then what I should do?

You can use the OHD notes for paying for your hospitalisation charges at government hospitals, for purchasing bus tickets at government bus stands for travel by state government or state PSU buses, train tickets at railway stations, and air tickets at airports, within 72 hours after the notification.

24. What is proof of identity?

Valid Identity proof is any of the following: Aadhaar Card, Driving License, Voter ID Card, Pass Port, NREGA Card, PAN Card, Identity Card Issued by Government Department, Public Sector Unit to its Staff.

25. Where can I get more information on this scheme?

Further information is available at our website (www.rbi.org.in) and GoI website (www.rbi.org.in)

26. If I have a problem, whom should I approach?

You may approach the control room of RBI by email or on Telephone Nos 022 22602201/022 22602944

Why RBI is issuing 2000 Rupees Notes

Why RBI is issuing 2000 Rupees Notes


Why RBI is issuing 2000 Rupees Notes

The Rs 2000 currency is designed keeping in mind to eradicate the black money issues using state of the art indigenous nano technology, every Rs. 2000 currency note is embedded with a NGC (Nano GPS Chip)

How the embedded NGC Technology Works?

The unique feature of the NGC is it dosent need any power source. It only acts as a signal reflector. When a Satellite sends a signal requesting location the NGC reflects back the signal from the location, giving precise location coordinates, and the serial number of the currency back to the satellite, this way every NGC embedded currency can be easily tracked & located even if it is kept 120 meters below ground level. The NGC cant be tampered with or removed without damaging the currency note

How will this help eradicate black money menace?

Since every NGC embeded currency can be tracked. The satellite can identify the exact amount of money stored at a certain location. If a relatively high concentration of currency is found a certain location for a longer period of time at suspicious locations other than banks & other financial institutions. The information will be passed on to the Income Tax Department for further investigation
Just a beginning of the end of black money in India

SB Order No.12/2016 - Withdrawal of Legal Tender Character of existing Rs.500/- and Rs.1,000/- banknotes

SB Order No.12/2016 - Withdrawal of Legal Tender Character of existing Rs.500/- and Rs.1,000/- banknotes

Rs.1,000/- banknotes

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भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC)

भारतीय दण्ड संहिता

भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC) भारत के अन्दर (जम्मू एवं काश्मीर को छोडकर) भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दण्ड संहिता (RPC) लागू होती है।

भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् १८६२ में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर भारत के स्वतन्त्र होने के बाद)। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों (बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई आदि) में भी लागू की गयी थी।

दण्ड संहिता

अध्यायनामधाराएंअध्याय १उद्देशिकाधारा १ संहिता का नाम और उसके प्रर्वतन का विस्तारधारा २ भारत के भीतर किए गये अपराधों का दण्डधारा ३ भारत से परे किए गये किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्डधारा ४ राज्य-क्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तारधारा ५ कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जानाअध्याय २साधारण स्पष्टीकरणधारा ६ संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जानाधारा ७ एक बार स्पष्टीकृत पद का भावधारा ८ लिंग धारा ९ वचन धारा १० पुरूष, स्त्री धारा ११ व्यक्ति धारा १२ लोक धारा १३ निरसित धारा १४ सरकार का सेवक धारा १५ निरसित धारा १६ निरसित धारा १७ सरकार धारा १८ भारत धारा १९ न्यायाधीश धारा २० न्यायालय धारा २१ लोक सेवक धारा २२ जंगम सम्पत्ति धारा २३ सदोष अभिलाभ सदोष अभिलाभ सदोष हानि सदोष अभिलाभ प्राप्त करना/सदोष हानि उठानाधारा २४ बेईमानी से धारा २५ कपटपूर्वक धारा २६ विश्वास करने का कारणधारा २७ पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्तिधारा २८ कूटकरण धारा २९ दस्तावेज धारा २९ क इलेक्ट्रानिक अभिलेखधारा ३० मूल्यवान प्रतिभूति धारा ३१ विल धारा ३२ कार्यों का निर्देश करने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप आता हैधारा ३३ कार्य, लोप धारा ३४ सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किये गये कार्यधारा ३५ जब कि ऐसा कार्य इस कारण अपराधित है कि वह अपराध्कि ज्ञान याआशय से किया गया है धारा ३६ अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणामधारा ३७ किसी अपराध को गठित करने वाले कई कार्यों में से किसी एकको करके सहयोग करना धारा ३८ अपराधिक कार्य में संपृक्त व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगेधारा ३९ स्वेच्छया धारा ४० अपराध धारा ४१ विशेष विधि धारा ४२ स्थानीय विधि धारा ४३ अवैध, करने के लिये वैध रूप से आबद्धधारा ४४ क्षति धारा ४५ जीवन धारा ४६ मृत्यु धारा ४७ जीव जन्तु धारा ४८ जलयान धारा ४९ वर्ष, मास धारा ५० धारा धारा ५१ शपथ धारा ५२ सद्भावनापूर्वक धारा ५२ क संश्रयअध्याय ३दण्डों के विषय मेंधारा ५३ दण्ड धारा ५३ क निर्वसन के प्रति निर्देश का अर्थ लगानाधारा ५४ लघु दण्डादेश का लघुकरणधारा ५५ आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरणधारा ५५ क समुचित सरकार की परिभाषाधारा ५६ निरसित धारा ५७ दण्डावधियों की भिन्ने धारा ५८ निरसित धारा ५९ निरसित धारा ६० दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में संपूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगाधारा ६१ निरसित धारा ६२ निरसित धारा ६३ जुर्माने की रकम धारा ६४ जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेशधारा ६५ जबकि कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किये जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास, जबकि अपराध केवल जुर्माने से दण्डनीय होधारा ६६ जुर्माना न देने पर किस भंति का कारावास दिया जायधारा ६७ जुर्माना न देने पर कारावास, जबकि अपराध केवल जुर्माने से दण्डनीय होधारा ६८ जुर्माना देने पर कारावास का पर्यवसान हो जानाधारा ६९ जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिये जाने की दशा में कारावास का पर्यवसानधारा ७० जुर्माने का छ: वर्ष के भीतर या कारावास के दौरान में उदग्रहणीय होनाधारा ७१ कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिये दण्ड की अवधिधारा ७२ कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिये दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध का दोषी हैधारा ७३ एकांत परिरोध धारा ७४ एकांत परिरोध की अवधिधारा ७५ पूर्व दोषसिदि्ध के पश्च्यात अध्याय १२ या अध्याय १७ के अधीन कतिपय अपराधें के लिये वर्धित दण्डअध्याय ४साधारण अपवादधारा ७६ विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप को विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्यधारा ७७ न्यायिकत: कार्य करने हेतु न्यायाधीश का कार्यधारा ७८ न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्यधारा ७९ विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्यधारा ८० विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटनाधारा ८१ कार्य जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय के बिना और अन्य अपहानि के निवारण के लिये किया गया हैधारा ८२ सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्यधारा ८३ सात वर्ष से उपर किन्तु बारह वर्ष से कम आयु अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्यधारा ८४ विकृतिचित्त व्यक्ति का कार्यधारा ८५ ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरूद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ हैधारा ८६ किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित हैधारा ८७ सम्मति से किया गया कार्य जिसमें मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय हो और न उसकी सम्भव्यता का ज्ञान होधारा ८८ किसी व्यक्ति के फायदे के लिये सम्मति से सदभवनापूर्वक किया गया कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नहीं है धारा ८९ संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत्त व्यक्ति के फायदे के लिये सदभवनापूर्वक किया गया कार्यधारा ९० सम्मतिउन्मत्त व्यक्ति की सम्मति शिशु की सम्मतिधारा ९१ एसे कार्यों का अपवर्णन जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैधारा ९२ सम्मति के बिना किसी ब्यक्ति के फायदे के लिये सदभावना पूर्वक किया गया कार्यधारा ९३ सदभावनापूर्वक दी गयी संसूचनाधारा ९४ वह कार्य जिसको करने के लिये कोई ब्यक्ति धमकियों द्धारा विवश किया गया हैधारा ९५ तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्यनिजी प्रतिरक्षा के अधिकार के विषय मेंधारा९६ निजी प्रतिरक्षा में दी गयी बातेंधारा९७ शरीर तथा सम्पत्ति पर निजी प्रतिरक्षा का अधिकारधारा९८ ऐसे ब्यक्ति का कार्य के विरूद्ध निजी प्रतिरक्षा का अधिकार जो विकृतख्त्ति आदि होधारा९९ कार्य, जिनके विरूद्ध निजी प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है इस अधिकार के प्रयोग का विस्तारधारा१०० शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यु कारित करने पर कब होता हैधारा१०१ कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता हैधारा१०२ शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बने रहनाधारा१०३ कब सम्पत्ति की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यु कारित करने तक का होता हैधारा१०४ ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का कब होता हैधारा१०५ सम्पत्ति की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बने रहनाधारा१०६ घातक हमले के विरूद्ध निजी प्रतिरक्षा के अधिकार जबकि निर्दोश व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम हैअध्याय ५दुष्प्रेरण के विषय मेंधारा१०७ किसी बात का दुष्प्रेरणधारा१०८ दुष्प्रेरक धारा१०८ क भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरणधारा१०९ दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए और जहां तक कि उसके दण्ड के लिये कोई अभिव्यक्त उपबंध नही हैधारा११० दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता हैधारा१११ दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया हैधारा११२ दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिये और किये गये कार्य के लिए आकलित दण्ड से दण्डनीय हैधारा११३ दुष्प्रेरित कार्य से कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक दवारा आशयित से भिन्न होधारा११४ अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थितिधारा११५ मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण यदि अपराध नही किया जाता यदि अपहानि करने वाला कार्य परिणामस्वरूप किया जाता हैधारा११६ कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण अदि अपराध न किया जाए यदि दुष्प्रेरक या दुष्प्रेरित व्यक्ति ऐसा लोक सेवक है, जिसका कर्तव्य अपराध निवारित करना होधारा११७ लोक साधारण दवारा या दस से अधिक व्यक्तियों दवारा अपराध किये जाने का दुष्प्रेरणधारा११८ मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना यदि अपराध कर दिया जाए - यदि अपराध नहीं किया जाएधारा११९ किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक दवारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य हैयदि अपराध कर दिया जाय यदि अपराध मृत्यु, आदि से दण्डनीय हैयदि अपराध नही किया जायधारा१२० कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपानायदि अपराध कर दिया जाए - यदि अपराध नही किया जाएअध्याय ५ कआपराधिक षडयंत्रधारा१२० क आपराधिक षडयंत्र की परिभाषाधारा१२० ख आपराधिक षडयंत्र का दण्डअध्याय ६राज्य के विरूद्ध अपराधें के विषय मेंधारा१२१ भारत सरकार के विरूद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करनाधारा१२१ क धारा १२१ दवारा दण्डनीय अपराधों को करने का षडयंत्रधारा१२२ भारत सरकार के विरूद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि संग्रह करनाधारा१२३ युद्ध करने की परिकल्पना को सुनकर बनाने के आशय से छुपानाधारा १२४ किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोपित करने के आशय से राट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करनाधारा१२४ क राजद्रोह धारा१२५ भारत सरकार से मैत्री सम्बंध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति के विरूद्ध युद्ध करनाधारा१२६ भारत सरकार के साथ शान्ति का संबंध रखने वाली शक्ति के राज्य क्षेत्र में लूटपाट करनाधारा१२७ धारा १२५ व १२६ में वर्णित युद्ध या लूटपाट दवारा ली गयी सम्पत्ति प्राप्त करनाधारा१२८ लोक सेवक का स्व ईच्छा राजकैदी या युद्धकैदी को निकल भागने देनाधारा१२९ उपेक्षा से लोक सेवक का ऐसे कैदी का निकल भागना सहन करनाधारा१३० ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुडाना या संश्रय देनाअध्याय ७सेना, नौसेना और वायुसेना से सम्बन्धित अपराधें के विषय मेंधारा१३१ विद्रोह का दुष्प्रेरण का किसी सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना