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असहमति का स्वागत है, लेकिन विघटन का नहीं : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का स्वागत किया जा सकता है, लेकिन विघटन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। Via Press Information Bureau http://www.pib.nic.in

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